लक्ष्य 1

अधिकतर लोगो को यही नही पता होता है की उन्हें अपने इस जीवन में क्या करना है काफी सोचने के बाद भी किसी ठोस निर्णय पर नही पहुच पाते है की वास्तव ने उन्हें करना क्या है

यही कारण है की इतने सफल किताबो के होने के बाद भी लोग अपना औसत जीवन जीते है सो आप यह निश्चित करे की आप अपने जीवन में क्या बनना चाहते है या क्या हासिल करना चाहते है

दूसरे लोग आप से क्या कराना चाहते हैं, इस बारे में ना सोचें। अपने लक्ष्य, सिर्फ़ अपने लिए ही बनाएँ।

अध्ययनों के अनुसार, जब आप के लक्ष्य व्यक्तिगत रूप से सार्थक होते हैं, तो आप के इन्हें प्राप्त करने की संभावना भी बढ़ जाती है।

यह लक्ष्य बनाने और उन्हें पाने की प्रक्रिया का सबसे कठिन दौर होता है। आप क्या चाहते हैं? इस का जवाब आप की आंतरिक और बाहरी प्रेरणाओं का मिला जुला रूप होता है।

अपना एक लक्ष्य पाएँ जो आप के जीवन में संतुलन बिता सके- ऐसे लक्ष्य बनाएँ जिनसे आप को और आप के आसपास के लोगों को खुशी और लाभ प्राप्त हो ।

खुद से कुछ सवाल करें, जैसे कि मैं अपने परिवार/समुदाय/दुनिया को क्या देना चाहता हूँ? या फिर मैं किस तरह से आगे बढ़ना चाह रहा हूँ? ये सवाल आप को लक्ष्य पाने की दिशा निर्धारित करने में मदद करेंगे।

कोई बात नहीं, यदि आप के विचार इस समय के हिसाब से बहुत व्यापक हैं। आप इन्हें बाद में संकीर्ण भी कर सकते है।